Mehrangarh Durg - मेहरानगढ़ दुर्ग | Jodhpur Ka Kila आसान शब्दों में

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Mehrangarh Durg - मेहरानगढ़ दुर्ग , जोधपुर

~ मेहरानगढ़ का निर्माण जोधपुर के शासक राव जोधा ने 1459 में करवाया था। इस दुर्ग में नींव का पहला पत्थर रिद्धि बाई (करणी माता) ने रखा था।
 
Mehrangarh Durg

~ यह दुर्ग चिड़ियाटूंक पहाड़ी पर बना होने के कारण इस दुर्ग को चिड़ियाटूंक दुर्ग भी कहा जाता है। (पहले दुर्ग का निर्माण मसूरिया पहाड़ी पर किया जाना था, लेकिन पानी की कमी के कारण इसे चिड़ियाटूंक पहाड़ी पर बनाया गया।)
~ इस दुर्ग को मेहरानगढ़, मयूर ध्वजगढ़, गढ़ चिंतामणि,
सूर्यगढ़ और कागजमुखी भी कहा जाता है।
~ इस दुर्ग की बनावट को देखकर रूडयार्ड किपलिंग ने कहा था कि "इसका निर्माण शायद परियों व फरिश्तों ने किया था।"
~ इस दुर्ग की नींव में राजिया भांभी को जिंदा गाड़ा गया था। इस स्थान के ऊपर वर्तमान में खजाना तथा नक्कार खाने भवन बने हुए हैं।
~ इस दुर्ग के बारे में कहा जाता है -
"तन झड़ खागां तीख पाडि घणा खल पोढियो।
किरतो नग कोडिक जड़ियो गढ़ जोधाण रै।।"

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जोधपुर दुर्ग के प्रमुख द्वार -

~ जयपोल - मारवाड़ के शासक मानसिंह राठौड़ ने जयपुर तथा बीकानेर की संयुक्त सेना को हराने के बाद इसका निर्माण करवाया था। इसके पास कीरतसिंह सोढ़ा की छतरी बनी हुई है।
~ लोहापोल - इसका निर्माण राव मालदेव ने शुरू करवाया था, जबकि इसे महाराजा विजय सिंह ने पुरा करवाया। इसके पास धन्ना और भीवां की 10 खम्भों की छतरी बनी है, जिसका निर्माण महाराजा अजीतसिंह ने करवाया था।
~ फतेहपोल - इसका निर्माण किलें के दक्षिण-पश्चिम में जोधपुर पर से मुगल आधिपत्य समाप्त होने पर महाराजा अजीतसिंह ने करवाया था।
~ अन्य प्रवेश द्वार अमृतपोल, जोधाजी का फलसा, खाडीपोल, सूरजपोल, भैरवपोल, ध्रुवपोल है।

मेहरानगढ़ दुर्ग के मुख्य महल -

~ सिणगार चौकी (श्रृंगार चौकी) - इसका निर्माण महाराजा तख्तसिंह ने करवाया था। यहां पर जोधपुर के राजाओं का राजतिलक किया जाता था।
~ मोती महल - इसका निर्माण महाराजा सूरत सिंह ने करवाया था।
~ फतेह महल - इसका निर्माण महाराजा अजीतसिंह ने करवाया था।
~ फूल महल - इसका निर्माण महाराजा अभयसिंह ने करवाया था।
~ तलहटी महल - इसका निर्माण महाराजा सूरसिंह ने करवाया था।
~ खबका महल - इसका पूरा नाम ख्वाबगाह है।
~ अन्य महल - तख्त विलास महल, बिचला महल, दौलतखाना, चौखेलाव महल, जनाना महल, रंगमहल, महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश आदि है।
~ जसवंत थड़ा - यह भवन मेहरानगढ़ दुर्ग की तलहटी में बना है, जिसका निर्माण महाराजा सरदार सिंह ने जसवंत सिंह द्वितीय की याद में करवाया था। इसे राजस्थान का ताजमहल कहा जाता है।

जसवंत थड़ा

मेहरानगढ़ दुर्ग के प्रमुख मंदिर / मस्जिद -

~ चामुंडा माता का मंदिर - इसका निर्माण राव जोधा ने करवाया था, जबकि जीर्णोद्धार महाराजा तख्तसिंह ने करवाया था।
~ मुरली मनोहर जी तथा आनंद धनजी का मंदिर - इसका निर्माण महाराजा अभयसिंह के समय करवाया गया था।
~ नागणेची माता का मंदिर - नागणेची माता राठौड़ों की कुल देवी है, जिनका मंदिर मेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित है। नागणेची माता का प्रमुख मंदिर बाड़मेर जिले की पचपदरा तहसील के नागोणा गांव में है, जिसमें लकड़ी की प्राचीन मूर्ति है।
~ सुरी मस्जिद - इसका निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था।

दुर्ग में स्थित तोपें

~ शंभूबाण तोप, गजनी खां और किलकिला तोप

मेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित तालाब -

~ राणीसर तालाब - इसका निर्माण राव जोधा की हाड़ा रानी जसमादे ने करवाया था।
~ पदमसागर‌ सागर - इसका निर्माण राव गांगा की रानी पद्मावती ने करवाया था।

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~ मेहरानगढ़ दुर्ग के बारे में जैकलीन कैनेडी ने कहा है कि यह दुनिया का आठवां अजूबा है।

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