Rajasthan ke Durg - राजस्थान के सभी दुर्ग
Hello friends, इस Post में हमने राजस्थान के लगभग सभी किलों को cover किया है। लेकिन आपको यहां पर केवल short notes में जानकारी उपलब्ध करवाई गई है ताकि आप revision कर सके। अगर आप पूरी Details चाहते है तो Blue Colour वाले शब्दों पर click करके संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।चित्तौड़गढ़ दुर्ग -
जिण अजोड़ राखी जुड़यां मेवाड़ा सू मरोड़।
किलां मोड़ बिलमा तणू चित तोड़ण चित्तौड़ ।।
√ निर्माण - वीर विनोद पुस्तक के रचनाकार श्यामदास के अनुसार मौर्य वंश के शासक चित्रांग (चित्रागंद) ने गंभीरी तथा बेड़च नदियों के संगम पर मेसा के पठार पर
√ चित्रांग मौर्य - चित्रकूट - चित्तौड़
√ लंबाई 8 किलोमीटर और चौड़ाई 2 किलोमीटर - महादुर्ग
√ वीरता, त्याग एवं बलिदान - राजस्थान का गौरव
√ मालवा और गुजरात जाने के मार्ग पर अवस्थित होने के कारण - मालवा का प्रवेश द्वार - राजस्थान का दक्षिणी प्रवेश द्वार
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√ राजस्थान का सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट - व्हेल मछली के आकार√ राजस्थान का एकमात्र दुर्ग - खेती
√ पहला आक्रमण - अफगानिस्तान के सूबेदार मामू
√ मेवाड़ में गुहिल साम्राज्य के संस्थापक बप्पा रावल - 734 ईसवी में मौर्यवंश के मानमोरी - चित्तौड़ पर अधिकार
√ मौर्य, प्रतिहार, परमार, गुहिल, सोलंकी, खिलजी और मुगलों का अधिकार
√ अधिकांश निर्माण - कुंभा - किले का आधुनिक निर्माता - विचित्रकूट
चित्तौड़ दुर्ग के प्रवेश द्वार- 7 प्रमुख द्वार
√ पहला दरवाजा - पाटन पोल - पाटवनपोल / बड़ा दरवाजा - रावत बाग सिंह का स्मारक , दूसरा दरवाजा - भैरवपोल तथा तीसरा दरवाजा - हनुमान पोल - जयमल राठौड़ और कला राठौड़ की छतरियां√ चौथा दरवाजा - गणेशपोल , पांचवा दरवाजा - जोड़लापोल , छठा दरवाजा - लक्ष्मणपोल तथा अंतिम दरवाजा - रामपोल - पत्ता सिसोदिया का स्मारक
चित्तौड़गढ़ किले के प्रमुख दर्शनीय स्थल -
√ विजय स्तंभ, जैन कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति, पद्मिनी महल, फतेह प्रकाश महल, समिद्धेश्वर मंदिर, कालिका माता का मंदिर, तुलजा भवानी का मंदिर, कुंभस्वामी या कुंभश्याम मंदिर, मीरा मंदिर, श्रृंगार चंवरी, सतबीस देवरीचित्तौड़गढ़ दुर्ग के साके -
√ पहला साका - 1303 में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय - मेवाड़ का शासक रावल रतन सिंह√ दूसरा साका - 8 मार्च 1535 को गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण के समय
√ तीसरा साका - 1568 में अकबर के आक्रमण के समय
रणथंभोर दुर्ग, सवाईमाधोपुर -
√ रणथंभोर का वास्तविक - रंत:पुर√ रण नीचे की पहाड़ी जबकि थंभ किले की पहाड़ी - रणथंभोर दुर्ग - सवाई माधोपुर जिले अंडाकार आकृति में सात पहाड़ियों के मध्य
√ निर्माण आठवीं शताब्दी - अजमेर के चौहान शासक राजा जयंत
√ पृथ्वीराज तृतीय के पुत्र गोविंद राज - चौहान वंश की नींव
√ अबुल फजल - "अन्य दुर्ग तो नंगे हैं, लेकिन यह दुर्ग बख्तरबंद है।"
√ दिल्ली के सुल्तान जलालुद्दीन फिरोज खिलजी - 1291-92 - 2 बार आक्रमण - "ऐसे 10 किलों को मैं मुसलमान के मूंछ के एक बाल के बराबर भी नहीं समझता।"
रणथंभोर दुर्ग का साका-
√ हम्मीर देव चौहान के समय - अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण - 11 जुलाई 1301 - रानी रंगदेवी की अगुवाई में स्त्रियों ने जल जोहर तथा राजपूत सैनिकों ने केसरिया - राजस्थान का प्रथम जल जौहर√ रणथंभोर पर अलाउद्दीन खिलजी का आक्रमण होने पर अमीर खुसरो - "कुफ्र का गढ़ इस्लाम का घर हो गया।"
रणथंभोर दुर्ग के दर्शनीय स्थल -
√ जोगी महल, सुपारी महल, हम्मीर महल, बादल महल, जौंरा-भौंरा महल, जैतसिंह की छतरी, अधूरी छतरी, हम्मीर कचहरी, त्रिनेत्र गणेश मंदिर, शिव मंदिर, पीर सदरूद्दीन की दरगाह, पद्मतला तालाबमेहरानगढ़ दुर्ग, जोधपुर -
√ निर्माण - जोधपुर के शासक राव जोधा - 1459 नीवं का पहला पत्थर - रिद्धि भाई (करणी माता) चिड़ियाटूंक पहाड़ी - चिड़ियाटूंग दुर्ग√ मेहरानगढ़, मयूरध्वजगढ़, गढ़ चिंतामणि, सूर्यगढ़ तथा कागजमुखी
√ रुडयार्ड किपलिंग - इसका निर्माण शायद परियों व फरिश्तों ने किया है
√ नींव में राजिया भांभी को जिंदा गाढ़ा गया
जोधपुर दुर्ग के प्रमुख द्वार -
√ जयपोल, लोहापोल, फतेहपोल, अमृतपोल, जोधा जी का फलसा, खाण्डी पोल, सूरजपोल, भैरोपोल, ध्रुवपोलमेहरानगढ़ दुर्ग के मुख्य महल -
√ सिणगार चौकी, मोती महल, फतेह महल, फूल महल, तलहटी महल, खबका महल, जसवंतथडा़ (दूर्ग की तलहटी में)
मेहरानगढ़ दुर्ग में मंदिर / मस्जिद -
√ चामुंडा माता का मंदिर, मुरली मनोहर जी तथा आनंद धनजी का मंदिर, नागणेची माता का मंदिर, सूरी मस्जिदमेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित तोपे -
√ शंभूबाण, गजनी खां, किलकिला तोपमेहरानगढ़ दुर्ग में तालाब
√ राणीसर तालाब, पदम सागर तालाबजैसलमेर दुर्ग -
√ नींव - 12 जुलाई 1155 - रावल जैसल - इंसाल ऋषि की सलाह√ त्रिकुटा पहाड़ी - त्रिकूटगढ़
√ उत्तर भड़ किंवाड़, सोनगिरी, सोनारगढ़, स्वर्णगिरी
√ अबुल फजल - इस दुर्ग तक पंहुचने के लिए पत्थर की टांगे होनी चाहिए
√ राजस्थान का अंडमान, रेगिस्तान का गुलाब तथा गलियों का दुर्ग
√ राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा आवासीय दुर्ग
√ घाघरानुमा परकोटा पत्थरों से - कमरकोट या पाडा
√ निर्माण केवल पत्थर से - चूने की जगह कली व लोहे का प्रयोग
√ 2005 - विश्व धरोहर सूची 2009 - पांच रुपए का टिकट जारी
√ दुर्ग के दरवाजे -
अक्षयपोल, सूरजपोल, भूतापोल ( गणेशपोल), हवापोल (रंगपोल)
√ दर्शनीय स्थल -
जैसलू कुआं, सर्वोत्तम विलास (शीशमहल), रंगमहल व मोतीमहल, बादल महल, गज महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, स्वांगिया देवी का मंदिर (आईनाथ का मंदिर), जिनभद्र सूरी ग्रंथ भंडार
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जैसलमेर दुर्ग के साके -
√ पहला साका - इतिहासकार नंदकिशोर के अनुसार - 1294 में अलाउद्दीन खिलजी - जैसलमेर के शासक - महारावल मूलराज√ दूसरा साका - 1357 ई. - फिरोजशाह तुगलक - रावल दूदा
√ तीसरा अर्द्ध साका - 1550 ई. - कंधार के अमीर अली द्वारा विश्वासघात - राजपूत पुरुषों द्वारा केसरिया लेकिन महिलाओं द्वारा जौहर नहीं - भाटियों की जीत - शासक लुणकरण वीरगति को प्राप्त
गागरोन दुर्ग, झालावाड़ -
√ निर्माण - आहु व कालीसिंध नदी - 7-8वीं शताब्दी - डोड राजपूत राजा बीजलदेव - डोडगढ़ / धूलरगढ़√ 12वीं शताब्दी - खींची शासक देवनसिंह का धूलरगढ़ पर अधिकार - गागरोन
√ अन्य नाम - गर्गराटपुर / गलकानगरी
√ भारत का एकमात्र दुर्ग - बिना नींव के कठोर चट्टान पर
√ शिवदास गाडण - डिंगल भाषा - अचलदास खींची री वचनिका
√ पृथ्वीराज राठौड़ - वेलिक्रिसन रूक्मणी री वचनिका - डिंगल भाषा
गागरोन दुर्ग में दर्शनीय स्थल -
√ मिट्ठे साहब की दरगाह, संत पीपा की छतरी, बुलन्द दरवाजा, गीध कराई, जालिम कोटगागरोन दुर्ग के साके -
√ पहला साका - अचलदास खींची - 1423 ई. - मांडु (मालवा) के सुल्तान अलपखां गौरी√ दूसरा साका - पाल्हणसी - मांडु के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम - मुस्तफाबाद
आमेर का किला, जयपुर
√ निर्माण - 11वीं शताब्दी - कच्छवाहा राजा धोलाराय - सूसावत मीणाओं√ आमेर के महलों का निर्माण - राजा मानसिंह - मिर्जा राजा जयसिंह
आमेर के दर्शनीय स्थल -
√ मानसिंह महल, दीवान-ए-आम तथा दीवान-ए-खास, यश मंदिर, सुख मंदिर, सुहाग मंदिर, गणेशपोल, शिलादेवी का मंदिर, दिलाराम के बाग, मावठा झील व केसर क्यारीजयगढ़ दुर्ग, जयपुर
√ निर्माण - महाराजा मानसिंह प्रथम - चिल्ह का टीला पहाड़ी - सवाई जयसिंह के समय पूर्ण√ आपातकालीन निवास - संकट मोचक दुर्ग
√ 1975-76 में - प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी - गुप्त खजाने की खोज में खुदाई
जयगढ़ दुर्ग के दरवाजे -
√ डूंगर दरवाजा - अवनि दरवाजा - भैंरू दरवाजाजयगढ़ के दर्शनीय स्थल -
√ विजयगढ़ी - दिया बुर्ज - जयबाण तोपनाहरगढ़ दुर्ग, जयपुर
√ निर्माण - सवाई जयसिंह - 1734 ई. - मराठा आक्रमण से बचाव हेतु अरावली पहाड़ी पर√ सुदर्शनगढ़, जयपुर ध्वजगढ़ और महलों का दुर्ग
√ सवाई माधोसिंह द्वितीय - एक जैसे नौ महल
कुंभलगढ़ दुर्ग, राजसमंद -
√ राजसमंद जिले - सादड़ी गांव - अरावली - जरगा पहाड़ी पर - मेवाड़ व मारवाड़ की सीमा पर√ सम्राट अशोक के पुत्र संप्रति द्वारा बनाए दुर्ग के अवशेष पर - महाराणा कुंभा - 1448 ई. - नागौर विजय के उपलक्ष्य में - √ वास्तुकार मंडन
√ कमल मीर, मच्छेंद्रपपुर, मेवाड़ की शरण-स्थली तथा मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी
√ प्राचीर की लंबाई - 36 किमी. - चौड़ाई - 7 मीटर - भारत की महान दीवार
√ कर्नल जेम्स टॉड - एट्रूस्कन
√ कुंवर पृथ्वीराज (उड़ना राजकुमार) - 12 खंभों की छतरी
√ 1537 ई. - उदयसिंह का राज्याभिषेक
√ कटारगढ़ - मेवाड़ की आंख बादल महल - 1540 ई. महाराणा प्रताप का जन्म
√ अबुल फजल - यह दुर्ग इतनी ऊंचाई पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर देखने पर सिर पर रखी पगड़ी नीचे गिर जाती है।
√ कुंभश्याम मंदिर - कुंभा के पुत्र उदा ने - कुंभा की हत्या - मेवाड़ का पितृहंता
कुंभलगढ़ दुर्ग के प्रवेश द्वार -
√ प्रथम द्वार - आरेठपाल, अन्य द्वार - हल्लापोल, हनुमानपोल, विजयपोल, रामपोल, भैरवपोल, नींबूपोल, पाखड़ापोल और गणेशपोलकुंभलगढ़ दुर्ग के दर्शनीय स्थल -
√ कुंभश्याम विष्णु मंदिर, मालिया महल, बादल महल, झालीबाव, मामदेव का कुंडलोहागढ़ का किला, भरतपुर
√ लोहागढ़ दुर्ग के स्थान पर - खेमकरण जाट - 1708 ई. कच्ची गढ़ी - चौबुर्जा√ नींव - 19 फरवरी 1733 में - राजा सूरजमल - जाटों का प्लेटो और अफलातून
√ अजयगढ़, मिट्टी का किला, अभेद्य दुर्ग, पूर्वी सीमांत का प्रहरी
√ रुपारेल व बाणगंगा नदियों पर बांध - मोती झील - सुजान गंगा नहर - किले की खाई
दर्शनीय स्थल -
√ जवाहर बुर्ज, फतेहबुर्ज, अष्ट धातु किंवाड, राजेश्वरी माता का मंदिर, कचहरी कलांबूंदी का किला (तारागढ़ का किला) -
√ निर्माण - देवीसिंह हाड़ा के प्रपौत्र राव बरसिंह - 1352 ई.तिलस्मी किला
√ भीम बुर्ज - चौबुर्ज - निर्माण - गर्भगुंजन तोप
तारागढ़ किला - हाड़ौती अंचल का सबसे प्राचीन किला
√ रुडयार्ड किपलिंग - इस किले का निर्माण मानव ने नहीं बल्कि प्रेतों ने करवाया है।
बूंदी दुर्ग के दर्शनीय स्थल -
√ रंगनिवास महल, रानी जी की बावड़ी, रतन दौलत दरी खाना, जीवरक्खा महल, 84 खंभों की छतरी, रतन महल, फूल महल, बादल महल, दीवान-ए-आम, नौबतखाना, दूधामहलअजयमेरू दुर्ग (तारागढ़ दुर्ग) -
√ हरविलास शारदा के अनुसार - 7वीं शताब्दी - अजयपाल चौहान√ अन्य इतिहासकार - अजयराज चौहान - 11वीं शताब्दी
√ अरावली पर्वतमाला - बिठली पहाड़ी - अरावली का अरमान तथा गढ़ बिठली
√ राजस्थान का हृदय, राजपुताने की कुंजी तथा पूर्व का जिब्राल्टर
√ 1505 ई. - मेवाड़ के पृथ्वीराज सिसोदिया - पत्नी ताराबाई - तारागढ़
√ शाहजहां के सबसे बड़े पुत्र दाराशिकोह का जन्म
दर्शनीय स्थल -
√ मिरान साहब की दरगाह, रूठी रानी उमादे की छतरी, पृथ्वीराज स्मारक तथा प्राचीन गुफा शीशाखानअकबर का किला, अजमेर -
√ निर्माण - अकबर - 1570 ई. - ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के प्रति सम्मान√ अकबर का दौलतखाना, शस्त्रागार या मैगजीन का किला
राजस्थान का एकमात्र दुर्ग - पूर्णतया मुस्लिम दुर्ग पद्धति
√ 10 जनवरी 1616 - इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रो - जहांगीर से मुलाकात
√ राज्य सरकार - 1968 ई. संरक्षित स्मारक
नागौर का किला -
√ ख्यातों के अनुसार - निर्माण - पृथ्वीराज चौहान तृतीय के पिता सोमेश्वर के सामंत कैमास√ तवकत नासिरी के अनुसार - निर्माण - महमूद गजनवी के पोते बहरामशाह के गवर्नर मोहम्मद बाहलीम
√ अहिच्छत्रपुर दुर्ग, नाग दुर्ग तथा नागाणा दुर्ग
√ महाराणा कुंभा - नागौर पर आक्रमण - हनुमान जी की मूर्ति - कुंभलगढ़ के हनुमानपोल पर प्रतिष्ठापित
√ विशेषता - किले के बाहर से चलाए गए तोप के गोले महलों को क्षति पंहुचाए बिना ही ऊपर से निकल जाते थे।
√ दर्शनीय स्थल - शुक्र तालाब, अकबरी मस्जिद
√ साफ-सफाई के दृष्टिकोण से - युनेस्को ने वर्ष 2007 में - अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस
√ अहिच्छत्रपुर दुर्ग, नाग दुर्ग तथा नागाणा दुर्ग
√ महाराणा कुंभा - नागौर पर आक्रमण - हनुमान जी की मूर्ति - कुंभलगढ़ के हनुमानपोल पर प्रतिष्ठापित
√ विशेषता - किले के बाहर से चलाए गए तोप के गोले महलों को क्षति पंहुचाए बिना ही ऊपर से निकल जाते थे।
√ दर्शनीय स्थल - शुक्र तालाब, अकबरी मस्जिद
√ साफ-सफाई के दृष्टिकोण से - युनेस्को ने वर्ष 2007 में - अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस
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बीकानेर का किला -
√ पुराने गढ़ की नींव - राव बीकाजी ने करणी माता के आशीर्वाद से 1485 - बीकाजी की टेकरी - जूनागढ़ का निर्माण - रायसिंह - (1588-73)√ राती घाटी चट्टान - राती घाटी किला - जूनागढ़ - जमीन का ज़ेवर √ पहला दुर्ग - लिफ्ट लगी है
√ दुर्ग के बारे - दीवारों के कान होते हैं, पर जूनागढ़ के महलों की दीवारें तो बोलती है ।
√ प्रवेश द्वार - पूर्वी दरवाजा - कर्णपोल तथा पश्चिमी दरवाजा - चांदपोल
√ आंतरिक पांच दरवाजे - दौलतपोल, फतेहपोल, रतनपोल, सूरजपोल तथा ध्रुवपोल
√ सूरजपोल दरवाजा - निर्माण पीले पत्थरों से - रायसिंह प्रशस्ति
√ रायसिंह - जयमल व पत्ता की मूर्तियां - औरंगजेब ने तुड़वा दिया
√ दर्शनीय स्थल -
अनूप महल, लालगढ़ महल, फूल महल या गज मंदिर महल, कर्ण महल, छत्र निवास, हर मंदिर, घंटाघर, रामसर, रानीसर व सूरसागरभटनेर दुर्ग -
√ निर्माण - हनुमानगढ़ घग्घर नदी के मुहाने पर - भाटी राजा भूपत - 288 ई √ मुख्य शिल्पी - केकया√ पुनर्निर्माण - 12वीं शताब्दी - महारावल शालिवाहन के वंशज राजा अभयराज भाटी
√ सर्वाधिक विदेशी आक्रमणों का सामना √ उत्तरी सीमा का प्रहरी
√ तैमूर - आत्मकथा - तुजुक-ए-तैमुरी - मैंने इतना मजबूत व सुरक्षित किला पूरे हिंदुस्तान में नहीं देखा।
तैमूर - 1398 - हिंदू स्त्रियों के साथ मुस्लिम स्त्रियों द्वारा जौहर
जालौर दुर्ग -
√ डॉ. दशरथ शर्मा - निर्माण - प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम√ डॉ. गौरी शंकर हीरानंद ओझा - निर्माण - परमारों ने
√ ऐतिहासिक साक्ष्य के अनुसार - 10वीं शताब्दी - धारावर्ष परमार द्वारा पुनर्निर्माण
√ पश्चिमी राजस्थान का सबसे प्राचीन दुर्ग
√ लूनी नदी की सहायक नदी सुकड़ी नदी के बाई ओर सोनगिरी व कनकाचल पहाड़ी पर
√ सोनगिरी, सुवर्णगिरी, सोनलगढ़, कांचनगिरि और जालंधर दुर्ग
√ हसन निजामी - पुस्तक ताज-उल-मासिर - जालौर दुर्ग बहुत ही शक्तिशाली और अजय दुर्ग है, जिसके द्वार कभी भी किसी विजेता के द्वारा नहीं खोले गए चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो।
√ 778 ईस्वी में प्रतिहार नरेश वत्सराज - जैन उद्योतन सूरी - कुवलमाला की रचना
√ साका- कान्हड़देव चौहान के शासनकाल में - 1311 ई. - अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय
√ कहावत - 'राईयों का भाव राते बीता'
√ अलाउद्दीन खिलजी द्वारा नाम - जलालाबाद
√ प्रमुख दर्शनीय स्थल - तोप मस्जिद, जालंधर नाथ की छतरियां, मानसिंह के महल, प्राचीन जैन मंदिर, चामुंडा माता और जोगमाया के मंदिर और दहिया की पाल
सिवाणा का किला -
√ प्राचीन नाम - कुम्बाना √ निर्माण - 954 ई. - राजा भोज के पुत्र वीर नारायण पंवार - छप्पन की पहाड़ियों की हल्देश्वर पहाड़ी पर√ जालौर दुर्ग की कुंजी, मारवाड़ राजाओं की शरणस्थली और कूमट दुर्ग
√ शेर-ए-राजस्थान - लोक नायक जय नारायण व्यास को बंदी
साका - √ पहला साका- सातलदेव के समय - 1310 में - अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति कमालुद्दीन गुर्ग के आक्रमण के समय - अलाउद्दीन खिलजी द्वारा नाम - खैराबाद
√ दूसरा साका - 1582 में - मारवाड़ के मोटा राजा उदय सिंह के आक्रमण के समय - कल्याणमल (कल्लाजी) की अगुवाई में राजपूतों द्वारा केसरिया तथा हाड़ी रानी की अगुवाई में स्त्रियों द्वारा जौहर
बयाना का किला -
√ वर्तमान - भरतपुर में √ निर्माण - जयपाल - 1040 ई. - मानी नामक पहाड़ी पर√ विजयमंदिर गढ़, शाणितगिरि, शोणितपुर का किला, सुल्तान कोट, बाणासुर दुर्ग और बादशाह दुर्ग
√ समुद्रगुप्त द्वारा निर्मित विजयस्तम्भ - राजस्थान का पहला विजयस्तंभ
√ दर्शनीय स्थल - ऊषा मंदिर, भीमलाट, अकबरी छतरी, जहांगीरी दरवाजा, दाऊद खां की मीनार और लोदी मीनार
आबू दुर्ग (अचलगढ़)-
√ निर्माण - परमार शासको ने आबू पर्वत पर √ 1452 ई. महाराणा कुंभा - प्राचीन दुर्ग के अवशेषों पर नए दुर्ग का निर्माण√ अचलेश्वर महादेव का मंदिर - अचलगढ़ दुर्ग
अचलेश्वर महादेव - परमार वंशीय शासको के कुल देवता
√ दर्शनीय स्थल - कुंभा के राज प्रसाद, ओखा रानी का महल, सिरोही के महाराज मानसिंह की छतरी, कपूर सागर सरोवर, सावन-भादो झील और पार्श्वनाथ का जैन मंदिर
मांडलगढ़ का किला, भीलवाड़ा -
√ निर्माण - प्रमाणिक जानकारी का अभाव√ भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ कस्बे में बनास, बेड़च व मेनाल नदियों के संगम पर
√ अकबर द्वारा - महाराणा प्रताप के विरुद्ध अभियान की शुरुआत √ मेवाड़ का प्रवेश द्वार
√ किले में सात प्रवेश द्वार, चारभुजा मंदिर, उडेश्वर मंदिर और ऋषभदेव का मंदिर
शाहाबाद का किला, बारां -
√ निर्माण - चौहान राजा मुकुट मणिदेव ने मुकुंदरा की पहाड़ियों में भामती नामक पहाड़ी पर√ शेरशाह सूरी कालिंजर अभियान के दौरान - अपने पुत्र सलीम के नाम पर - सलीमाबाद
√ मुगलों के अधिकार में आने के बाद - शाहाबाद
√ दर्शनीय स्थल - कुंडाखोह झरना, जामा मस्जिद, नवलबाण तोप, बादल महल और अललपंख
दौसा का किला -
√ निर्माण - गुर्जर प्रतिहरों - देवगिरी पहाड़ी पर√ 966 ई. - दूल्हेराय कच्छवाहा वंश की नींव √ कच्छवाहा वंश की प्रथम राजधानी
√ प्रवेश के दो प्रमुख दरवाजे - हाथी पोल तथा मोरी दरवाजा
√ प्रमुख दर्शनीय स्थल - राजाजी का कुआं, बैजनाथ महादेव का मंदिर, रामचंद्र जी का मंदिर, दुर्गा माता का मंदिर और चौदह राजाओं की साल
अलवर का किला -
√ निर्माण - आमेर के राजा कांकिलदेव के पुत्र अलघुराय ने - अलघुराय दुर्ग√ बाला किला व बड़ा किला
√ अकबर द्वारा सलीम (जहांगीर) को तीन वर्ष तक नजरबंद - सलीम महल
√ सलीम सागर तालाब तथा सूरजकुंड जल के प्रमुख स्रोत
चुरु का किला -
√ निर्माण - ठाकुर कुशलसिंह ने 1739 ई√ बीकानेर के शासक सूरत सिंह के आदेश पर अमरचंद सुराणा का आक्रमण - ठाकुर शिवसिंह के द्वारा चांदी के गोले दागे गए
सोजत का किला -
√ निर्माण - राव जोधा के पुत्र निंबा ने पाली जिले सुकड़ी नदी के मुहाने पर नानी सिरड़ी पहाड़ी पर√ राव मालदेव द्वारा किले का जीर्णोद्धार
खंडार का किला -
√ निर्माण - चौहानों द्वारा 8-9वीं शताब्दी - सवाई माधोपुर से लगभग 40 किलोमीटर पूर्व में√ रणथंभोर दुर्ग का सहायक दुर्ग
√ पूर्व में बनास नदी तथा पश्चिम में गालंडी नदी
√ महावीर स्वामी की पद्मासन मुद्रा तथा पार्श्वनाथ की आदमकद प्रतिमा
√ अष्टधातु से निर्मित शारदा तोप
भैंसरोडगढ़ का किला -
√ निर्माण - चंबल व बामनी नदियों के संगम पर भैंसाशाह तथा रोड़ा चारण द्वारा√ राजस्थान का एकमात्र दुर्ग - निर्माण - व्यापारियों द्वारा
√ राजस्थान का वेल्लोर
मनोहरथाना दुर्ग -
√ झालावाड़ √ परवन तथा कालीकोह नदियों से घिरा√ भीलों की आराध्य देवी विश्ववंती का प्रसिद्ध मंदिर
किलोणगढ़ / बाड़मेर दुर्ग -
√ निर्माण - बाड़मेर में राव भीमोजी ने 1552 ई. में - सुजेर भाखरी नामक पहाड़ी परजूना का किला -
√ निर्माण - परमार राजा धरणीवराह के पुत्र बाहड़ बागभट्ट द्वारा - 1002 ईस्वी में√ बाहड़मेरू, बाहड़गिरि, जूना बाहड़मेर - वर्तमान नाम - बाड़मेर
कोटड़ा का दुर्ग -
√ निर्माण - बाड़मेर की शिव तहसील में कोटड़ा गांव की भाखरी पहाड़ी पर परमार शासको द्वारा√ 'सरगला' पानी का कुआं
हापाकोट दुर्ग -
√ निर्माण - कन्हड़देव के बड़े भाई सालिमसिंह के पुत्र हापा - चौहटन (बाड़मेर) कस्बे की पहाड़ी पर - हापाकोट या हापागढ़डीग का किला -
√ निर्माण - 1730 ईस्वी में - बदन सिंह द्वारा √ 12 बुर्ज - लक्खा तथा ध्रुव टीला प्रसिद्ध√ महाराजा सूरजमल का महल तथा सुल्तान सिंह की छतरी
√ जल महलों का निर्माण - फव्वारों के लिए प्रसिद्ध
√ डीग को जलमहलों की नगरी
तवनगढ़ (त्रिभुवनगढ़) -
√ निर्माण - बयाना (भरतपुर) - 11वीं शताब्दी - विजयपाल के भाई तवनपाल (त्रिभुवनपाल) द्वारा त्रिभुवनगिरि पहाड़ी पर√ मुस्लिम आक्रमणकारियों का अधिकार - इस्लामाबाद
√ जगनपोल व सूर्यपोल दरवाजे, ननद-भोजाई कुआं प्रमुख दर्शनीय स्थल
बैर का किला -
√ निर्माण महाराजा बदन सिंह - 1726 ई भरतपुर√ किले के चारों ओर प्रताप सिंह द्वारा प्रताप नहर का निर्माण
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बसंतगढ़ का किला -
√ निर्माण सिरोही जिले के पिंडवाड़ा कस्बे में कुंभा द्वाराइंद्रगढ़ का किला -
√ निर्माण राजा इंद्रसाल द्वारा √ काली मां और कमलेश्वर माता का मंदिरकेहरीगढ़ का किला -
√ किशनगढ़ कस्बे में गुंदोलाव तालाब के पास √ आंतरिक भाग जीवरक्खाटॉडगढ़ का किला -
√ निर्माण कर्नल जेम्स टॉड - रावली टॉडगढ़ अभयारण्य में√ बोरासवाड़ा √ गोपाल सिंह खरवा व विजय सिंह पथिक को नजरबंद
करणसर का किला -
√ निर्माण - बहादुरसिंह शरणावत ने जयपुर जिले में हिंगोनिया गांव के पास √ पातालतोड़ कुआं तथा शस्त्रागार स्थितमोरिजा किला -
√ जयपुर की गोविंदगढ़ पंचायत समिति मेंमाधोराजपुरा का किला -
√ निर्माण - ऐतिहासिक जानकारी का अभाव √ किले के पास सवाई माधोसिंह प्रथम ने माधोराजपुरा कस्बा बसाया √ किले का नाम - माधोराजपुरा का किलाचौमू का किला (चौमुंहागढ़) -
√ किले का निर्माण - ठाकुर कर्णसिंह ने 1595 -96 ईस्वी में - बेणीदास नामक संत के आशीर्वाद से√ रघुनाथगढ़, धाराधारगढ़ और सामंती दुर्ग
√ सामोद हनुमान जी का मंदिर
कुचामन का किला -
√ निर्माण - मेड़तिया शासक जालिमसिंह वनखंडी महात्मा के आशीर्वाद से नागौर जिले की नवा तहसील के कुचामन कस्बे में√ जागीरी किलों का सिरमौर तथा अणखला किला
√ "ऐसा किला रानी जाए के पास भले ही हो, पर ठुकरानी जाए के पास नहीं"
खिवंसर किला -
नागौर में
√ कोशवर्द्धन पर्वत पर √ 1542 में शेरशाह सूरी के अधिकार - शेरगढ़
√ झालाओं की हवेली, सोमनाथ महादेव मंदिर, प्राचीन बावड़ी आमिर खां के महल
√ फतेह खां कायमखानी गोगा जी के वंशज
√ तेलिन का प्रसिद्ध महल एवं नवाब दौलत खां का मकबरा
√ पुनर्निर्माण - देवीपाल - दक्खिन का द्वारगढ़ शेरशाह का अधिकार होने के बाद - शेरगढ़
√ राजस्थान का एकमात्र दुर्ग जो राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर
√ हुनहुंकार तोप - जो वर्तमान में धौलपुर के इंदिरा पार्क में
मंडरायल का किला
√ निर्माण - ब्रज बहादुर द्वारा √ ग्वालियर दुर्ग की कुंजी
√ उदितनगर, उटनगर तथा अवंतगढ़
मालकोट / मेड़ता का किला -
√ निर्माण - मालदेव ने मेड़ता सिटी मेंबीकमपुर गढ़ -
√ निर्माण - विक्रमादित्य पंवार ने - 55 ईसा पूर्व - बीकानेर जिले की कोलायत पंचायत समिति के विक्रमपुर मेंबनेड़ा का किला -
√ भीलवाड़ा - राजस्थान का एकमात्र किला जो निर्माण से लेकर वर्तमान तक अपने मूल रूप में ही खड़ा हैशेरगढ़ (कोशवर्द्धन) -
√ बारां जिले में परवन नदी के किनारे - निर्माणकर्त्ता - प्रमाणिक जानकारी का अभाव√ कोशवर्द्धन पर्वत पर √ 1542 में शेरशाह सूरी के अधिकार - शेरगढ़
√ झालाओं की हवेली, सोमनाथ महादेव मंदिर, प्राचीन बावड़ी आमिर खां के महल
कांकणबाड़ी का किला -
√ निर्माण सवाई जयसिंह - अलवर जिला - सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य में √ जीर्णोद्धार - सवाई प्रताप सिंह द्वाराइंदौर का किला -
√ निर्माण - निकुम्भों द्वारा अलवर मेंनीमराणा का किला -
√ निर्माण - 1464 ई. - चौहानों द्वारा √ पांच मंजिला - पंचमहलतिजारा का किला -
√ निर्माण - राजा बलवंत सिंह - 1835 ई. अलवर के तिजारा नामक स्थान परराजगढ़ का किला -
√ निर्माण - सवाई प्रताप सिंह ने अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे मेंअजबगढ़ का किला -
√ निर्माण - 1635 में - अजबसिंह द्वारा अलवर मेंबीनादेसर का किला -
√ निर्माण - ठाकुर दुल्हेसिंह द्वारा चूरू मेंसुजानगढ़ का किला -
√ निर्माण - बीकानेर के शासक सूरत सिंह द्वारा चुरु जिले में सुजानसिंह के नाम पर √ पुराना नाम - हड़बूजी का कोटमुकुंदगढ़ का किला -
√ निर्माण - मुकुंद सिंह - 1861 ई. - झुंझुनू के मुकुंदगढ़ कस्बे मेंफतेहपुर का किला -
√ निर्माण - फतेह खां कायमखानी ने 1453 ई. सीकर जिले में√ फतेह खां कायमखानी गोगा जी के वंशज
√ तेलिन का प्रसिद्ध महल एवं नवाब दौलत खां का मकबरा
लक्ष्मणगढ़ का किला -
√ निर्माण - लक्ष्मण सिंह ने 1805 ई. - सीकर जिले में बेड़ पहाड़ी परनवलगढ़ का किला -
√ निर्माण - ठाकुर नवल सिंह ने झुंझुनू जिले मेंडूंडलोद का किला -
√ निर्माण - ठाकुर केसरी सिंह - 1750 ई. - झुंझुनूदातारामगढ़ का किला -
√ निर्माण - गुमान सिंह ने 1744 ई. में - सीकरभोपालगढ़ का किला -
√ निर्माण - भोपालसिंह - 1812 ई. में झुंझुनू मेंमहनसर का किला -
√ निर्माण - नाहरसिंह - 1768 ई. - झुंझुनू मेंधौलपुर का शेरगढ़ -
√ निर्माण - कुषाण वंश के राजा मालदेव ने √ धौलपुर के संस्थापक धोरपाल - धौल दोहरागढ़√ पुनर्निर्माण - देवीपाल - दक्खिन का द्वारगढ़ शेरशाह का अधिकार होने के बाद - शेरगढ़
√ राजस्थान का एकमात्र दुर्ग जो राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर
√ हुनहुंकार तोप - जो वर्तमान में धौलपुर के इंदिरा पार्क में
बाड़ी का किला -
√ धौलपुर के बाड़ी मेंमंडरायल का किला
√ निर्माण - ब्रज बहादुर द्वारा √ ग्वालियर दुर्ग की कुंजी
ऊंटगिर का किला -
√ निर्माण - लोधी राजपूतों द्वारा 16वीं शताब्दी में - करौली के कल्याणपुर में√ उदितनगर, उटनगर तथा अवंतगढ़
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कोटा का गढ़ -
√ निर्माण - बूंदी के राव देवीसिंह हाडा़ के पुत्र जैतसिंह ने चंबल नदी के किनारे√ जेम्स टॉड - "आगरा किले को छोड़कर किसी भी किले का परकोटा इतना बड़ा नहीं है, जितना कोटागढ़ का है"
पचेवर का किला -
√ टोंक जिले की मालपुरा तहसील के पचेवर कस्बे मेअंसीरगढ़ का किला -
√ निर्माण - 17वीं शताब्दी - भोला नामक ब्राह्मण द्वारा √ भूमगढ़ तथा अमीरगढ़कंकोड़ का किला -
√ टोंक जिले के कंकोड़ कस्बे में √ प्राचीन नाम - कनकपुरासज्जनगढ़ का किला -
√ निर्माण - सज्जनसिंह द्वारा बांसदरा पहाड़ी पर√ उदयपुर का मुकुटमणि √ सज्जनसिंह ज्योतिष की गणना करने के लिए
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