भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और अंतरिम सरकार का गठन

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भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम और अंतरिम सरकार 

कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार भारतीय संविधान सभा का गठन होने के बाद 24 अगस्त 1946 को भारत में अंतरिम सरकार की घोषणा की गई।
इस सरकार का गठन 2 सितंबर 1946 को हुआ, जिसके अध्यक्ष वायसराय लार्ड बैवेल और उपाध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे।

  • इस अंतरिम सरकार में कुल 14 सदस्य थे, जिसमें से पांच सदस्य मुस्लिम लीग से थे - 1. जवाहरलाल नेहरू (उपाध्यक्ष), 2. डॉ राजेंद्र प्रसाद, 3. सी.एस. भाभा, 4. सी राजगोपालाचारी, 5. आसफ अली, 6. जॉन मथाई, 7. बाबू जगजीवन राम, 8. सरदार पटेल, 9. बलदेव सिंह, जबकि  मुस्लिम लीग से - 10. लियाकत अली खान (वित्तमंत्री), 11. गजनफर अली खान, 12. जोगेंद्र नाथ मंडल, 13. अब्दुल रथ निश्तर, 14. आई. आई. चंद्रीगर
  • अंतरिम सरकार का गठन 2 सितंबर 1946 को होने के बाद मुस्लिम लीग के असहयोग से परेशान होकर सरदार पटेल ने कहा जिन्ना विभाजन चाहे या ना चाहे हम चाहते हैं कि भारत का विभाजन हो जाए
  • सरदार पटेल ने गांधी जी को कहा यदि अभी भारत का विभाजन नहीं हुआ तो आने वाले समय में भारत के प्रत्येक सरकारी कार्यालय में एक पाकिस्तान होगा
  • ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा भारत की स्वतंत्रता के संदर्भ में 20 फरवरी 1947 को घोषणा की गई, जिसे एटली घोषणा कहा जाता है, के अनुसार 30 जून 1948 से पूर्व भारत को सत्ता हस्तांतरित कर दी जाएगी।
  • इस समय लॉर्ड माउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाकर भारत भेजा गया, लेकिन माउंटबेटन इसके लिए तैयार नहीं था। इसकी शर्तों को मानने के बाद माउंटबेटन ने शर्त रखी थी कि वह 30 जून 1948 से पहले भारत को आजादी कब देनी है, वह दिनांक वह स्वयं निर्धारित करेगा। इसके लिए माउंटबेटन ने 15 अगस्त को चुना क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध में जापानी सेना को आत्मसमर्पण करने की दृष्टि से 15 अगस्त उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

माउंटबेटन / जून / बाल्कन योजना (5 जून 1947) -

  • इसमें कुल चार सदस्य थे - लॉर्ड माउंटबेटन (अध्यक्ष), इस्मै,  माईविली, अबैल
  • माउंटबेटन योजना द्वारा निम्नलिखित प्रावधान किए गए -
  • 1. भारत का विभाजन होगा ।
  • 2. विभाजन की रूपरेखा बनाने हेतु बी.पी. मेनन को नियुक्त किया गया ।
  • 3. सीमा रेखा के निर्धारण हेतु एक समिति का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष सिरिल रेडक्लिफ थे ।

विभाजन को लेकर प्रमुख कथन -

  • जवाहरलाल नेहरू - रोज-रोज के सिर दर्द से अच्छा है सर को ही अलग करवा दिया जाए ।
  • खान अब्दुल गफ्फार खान (सीमांत गांधी) - जिस प्रकार से मुसलमानों हेतु पाकिस्तान बना है, वैसे ही पठानों के लिए पख्तानिस्तान बने ।
  • मौलाना आजाद - यदि कांग्रेस ने इस विभाजन को स्वीकार कर लिया तो इतिहास उसे माफ कभी नहीं करेगा ।
  • महात्मा गांधी - भारत का विभाजन मेरे मृत देह पर होगा ।

भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 -

  • 1. भारत की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटेन की संसद में विधेयक 4 जुलाई 1947 को पेश किया गया, जिसे 18 जुलाई 1947 को पारित कर दिया गया ।
  • 2. इस अधिनियम के अनुसार भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्रदान की गई जबकि पाकिस्तान को 14 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दी गई ।
  • 3. भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी  बने जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना बने।
  • 4. देशी रियासतें - जिन्हें भारतीय या पाकिस्तान में शामिल होना निश्चित किया गया, लेकिन यदि किसी रियासत की वार्षिक आय 1 करोड़ से अधिक या 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या हो तो वह स्वतंत्र रह सकती है।

स्वतंत्रता के पश्चात भारत में शामिल होने वाली रियासतें - 

  • जम्मू कश्मीर (शासक हरि सिंह द्वारा विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद में भारत में विलय), जूनागढ़ ( शासक-मोहब्बत खान, जनमत संग्रह द्वारा भारत में विलय), हैदराबाद (शासक - ओस्मान अली खान, ऑपरेशन पोलो यानि पुलिस कार्यवाही के द्वारा भारत में विलय)

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