भारतीय संविधान निर्माण की कार्यवाही -
- भारतीय संविधान के निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा, जबकि संविधान सभा ने कुल 3 वर्ष 1 माह 16 दिन कार्य किया। संविधान सभा के द्वारा अपनी समस्त कार्यप्रणाली का संपादन 12 अधिवेशन तथा 166 बैठकों के माध्यम से किया गया। संविधान निर्माण का कार्य कुल 11 अधिवेशनों के द्वारा किया गया, जिसमें कुल 165 बैठकें हुई। 12वें अधिवेशन में केवल 1 बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई और इस दिन संविधान सभा को भंग कर दिया गया।
- संविधान सभा की पहली बैठक में राजस्थान के अजमेर-मेरवाड़ा चीफ कमिश्नरी क्षेत्र से मुकुट बिहारी लाल भार्गव ने प्रतिनिधित्व किया । संविधान सभा में कुल राजस्थान से 12 सदस्य थे।
- संविधान सभा के द्वारा अपनी समस्त कार्य प्रणाली का संपादन 12 अधिवेशन तथा 166 बैठकों के माध्यम से किया गया । संविधान सभा के पहले सत्र में कुल 11 बैठकें आयोजित की गई, जबकि संविधान सभा के 9 में सत्र में सर्वाधिक 38 बैठकों का आयोजन किया गया। संविधान सभा द्वारा 6वें एंव 12वें सत्र में केवल 1-1 बैठकों का ही आयोजन किया गया।
सत्र |
खंड |
समयावधि |
बैठकें |
1 |
I.
|
09/12/1946 – 23/12/1946 |
11 |
2 |
II.
|
20/01/1947 - 25/01/1947 |
05 |
3 |
III.
|
28/04/1947 – 02/05/1947 |
05 |
4 |
IV.
|
14/07/1947 – 31/07/1947 |
14 |
5 |
V.
|
14/07/1947 – 30/08/1947 |
11 |
6 |
VI.
|
27/01/1948 |
1 |
7 |
VII.
|
04/11/1948 – 08/01/1949 |
36 |
8 |
VIII.
|
16/05/1949 – 16/06/1949 |
23 |
9 |
IX.
|
30/07/1949 – 18/09/1949 |
38 |
10 |
X.
|
06/10/1949 – 17/10/1949 |
10 |
11 |
XI.
|
14/11/1949 – 26/11/1949 |
12 |
12 |
XII.
|
24/01/1950 |
1 |
संविधान सभा की प्रमुख बैठकें -
संविधान सभा की पहली बैठक (9 दिसंबर 1946) -
- संविधान सभा की पहली बैठक दिल्ली के सेंट्रल हॉल के पुस्तकालय में हुई।
- इस बैठक में 207 सदस्य उपस्थित हुए, जिसमें 10 महिलाएं थीं ( संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 15 महिलाओं ने भाग लिया था। प्रथम अधिवेशन (9-23 दिसंबर) में कुल 211 सदस्यों ने भाग लिया था)।
- फ्रांस की तरह संविधान सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थाई सभापति के रूप में निर्वाचित किया गया। इनके नाम का प्रस्ताव आचार्य जे.बी. कृपलानी ने रखा जबकि सरदार पटेल ने इनका समर्थन किया। आचार्य कृपलानी ने सभापति को आसन ग्रहण करने के लिए कहा और सबसे पहले बोलने वाले व्यक्ति थे। इसलिए कृपलानी को संविधान सभा का प्रथम वक्ता कहा जाता है।
- सच्चिदानंद सिन्हा ने फ्रैंक एंथोनी (आंग्ल-भारतीय) को संविधान सभा का उपसभापति मनोनीत किया ।
- पहली बैठक में प्रसन्न देव (पश्चिम बंगाल) के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई।
- राजस्थान से एकमात्र सदस्य अजमेर-मेरवाडा के प्रतिनिधि के रूप में मुकुट बिहारी भार्गव शामिल हुए।
- प्रथम बैठक में देशी रियासतों और मुस्लिम लीग से किसी ने भी भागीदारी नहीं की। मुस्लिम लीग के शामिल नहीं होने पर विंस्टन चर्चिल ने कहा कि भारतीय संविधान सभा उस विवाह के समान है, जिसमें से दुल्हन ही गायब है। तब सरदार पटेल ने कहा कि दुल्हन आये या ना आये हम तो संविधान का निर्माण करके रहेंगे।
संविधान सभा की दूसरी बैठक (10 दिसंबर 1946) -
- इस दिन संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के चुनाव की रीति निर्धारित की गई तथा नियम समिति जो कि संविधान सभा की प्रथम समिति (अध्यक्ष- डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद) थी, उसके लिए विज्ञप्ति जारी की गई । नियम समिति में अध्यक्ष सहित 16 सदस्य थे, जिसमें एकमात्र महिला सदस्य दुर्गाबाई देशमुख थी।
संविधान सभा की तीसरी बैठक (11 दिसंबर 1946) -
- डॉ राजेंद्र प्रसाद को निर्विरोध रूप से संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। जिनके नाम का प्रस्ताव आचार्य J.B. कृपलानी के द्वारा रखा गया तथा सरदार पटेल द्वारा समर्थन किया गया । (25 जनवरी 1947 को H.C. मुखर्जी तथा 16 जुलाई 1947 को V.T. कृष्णमाचारी को संविधान सभा का उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया)
- बी.एन. राव को संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार बनाया गया।
संविधान सभा की चौथी बैठक (12 दिसंबर 1946) -
- इस दिन उद्देश्य प्रस्ताव को रखा गया रखा जाना था, परंतु संविधान सभा के सदस्यों के अनुरोध पर टाल दिया गया ।
संविधान सभा की पांचवी बैठक (13 दिसंबर 1946) -
- जवाहर लाल नेहरू के द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव रखा गया , जिसके अंतर्गत कुल 8 उद्देश्य निर्धारित किए गए । डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं M.R. जयंकर ने उद्देश्य प्रस्ताव का विरोध किया, क्योंकि मुस्लिम लीग तथा देशी रियासतों के द्वारा संविधान सभा में भागीदारी नहीं की जा रही थी।
22 जनवरी 1947 -
- उद्देश्य प्रस्ताव रखे जाने के 41 दिन बाद 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा के द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव को पारित कर दिया गया तथा यही उद्देश्य प्रस्ताव वर्तमान भारतीय संविधान में प्रस्तावना के रूप में कार्यरत है । जहां से संविधान सभा के निर्माताओं के विचारों तथा आदर्शों की अभिव्यक्ति होती है।
22 जनवरी 1947-
- संविधान सभा के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को घोषित किया गया।
29 अगस्त 1947 -
- संवैधानिक सलाहकार बी.एन. राव के द्वारा भारतीय संविधान के सर्वप्रथम प्रारूप का निर्माण किया गया, जिस पर विचार-विमर्श करने के लिए सत्यनारायण सिन्हा की सिफारिशों पर 7 सदस्यीय प्रारुप समिति का गठन किया गया।
- प्रारूप / पांडुलेखन / मसौदा /ड्राफ्ट समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया ।
- 1. डॉ.भीमराव अंबेडकर (प्रारूप समिति की प्रथम बैठक 30 अगस्त 1947 को प्रारूप समिति के सदस्यों के द्वारा अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया अर्थात संविधान सभा के द्वारा अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया था ।
- 2. गोपाल स्वामी आयंकर
- 3. अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर
- 4. मोहम्मद सादुल्लाह (एकमात्र मुस्लिम)
- 5. के.एम. मुंशी (मूलतः कांग्रेसी सदस्य)
- 6. N. माधवराव (B.L. मितर के स्थान पर , जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र दे दिया था )। इनका मनोनयन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया।
- 7. टी.टी.कृष्णमाचारी (डी.पी. खेतान के स्थान पर, जिनकी मृत्यु हो गई थी)। इनका भी मनोनयन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया।
- इस प्रकार प्रारूप समिति में 5 सदस्य निर्वाचित तथा 2 सदस्य मनोनीत किए गए थे।
- 141 बैठकों के बाद 4 नवंबर 1948 को प्रारूप समिति के द्वारा प्रथम प्रारूप संविधान सभा को प्रस्तुत किया, जिसमें 315 अनुच्छेद व 8 अनुसूचियां थी।
16 मई 1949-
- राष्ट्रमंडल की सदस्यता के लिए सहमति प्रदान की गई।
14 सितंबर 1949-
- हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
26 नवंबर 1949 -
- संविधान निर्माण का कार्य पूरा कर इसे अंगीकृत (स्वीकार) किया गया।
- संविधान आंशिक रूप से लागू हुआ। संविधान के 16 अनुच्छेद लागू किये गये (अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393, 394)।
24 जनवरी 1950 -
- संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई जिसमें 284 सदस्य शामिल हुए। सभी सदस्यों ने संविधान पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर किए। प्रथम हस्ताक्षर जवाहर लाल नेहरू ने जबकि अंतिम राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। राजस्थान से प्रथम हस्ताक्षर बलवंत सिंह मेहता ने किया था।
- इस दिन राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत को मान्यता प्रदान की।
- अनुच्छेद 380 के तहत राजेन्द्र प्रसाद को राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया। राष्ट्रपति चुनाव के मुख्य निर्वाचन अधिकारी H.V.R. आयंगर थे, जो संविधान सभा के सचिव भी थे।
- 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा को भंग कर दिया गया।
26 जनवरी 1950 -
- संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ, जिसमें 395 अनुच्छेद 22 भाग व 8 अनुसूचियां थी।
- इस दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई और भारत गणतंत्र घोषित हुआ। (1952 के आम चुनावों के बाद संसद का गठन होने के बाद राष्ट्रपति के चुनाव हुए। इससे पहले अनुच्छेद 380 के तहत राष्ट्रपति बनाये गये)
डॉ. भीमराव अंबेडकर -
- डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में गठित प्रारूप समिति का संविधान निर्माण में सर्वाधिक योगदान रहा, इसलिए प्रोफेसर के.वी. राव ने अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक एवं जननी की संज्ञा दी है।
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अंबेडकर को दक्ष पायलट की संज्ञा दी।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा का पहला चुनाव हार गए, दूसरी बार जैसुर कुलना (बंगाल) से मुस्लिम लीग की सहायता से संविधान सभा के सदस्य बने। भारत विभाजन के बाद यह सीट पूर्वी बंगाल में चली गई। इसके बाद संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने पुणे सीट से एम.आर. जयकर का त्यागपत्र करवाकर सीट से चुनाव लड़वाया और निर्वाचित हुए।
- स्वतंत्र भारत में अंबेडकर ने विधि मंत्री की भूमिका का निर्वहन किया।
संविधान सभा की सीटें और अन्य महत्वपूर्ण बिंदु -
- संविधान सभा के लिए कुल सीटें 389 थी, जिसमें से 296 सीटों पर चुनाव हुए।
- भारत विभाजन के कारण संविधान सभा के सदस्यों की संख्या 318 हुई अर्थात 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 318 थी। 27 जनवरी 1948 से संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 हुई जो कि अंत तक बनी रही ।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान निर्माण का कार्य पूरा हुआ और संविधान का आंशिक रूप से लागू हुआ।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 394 के अंतर्गत संविधान के 16 अनुच्छेदों को (जिनका संबंध नागरिकता ,चुनाव संबंधी,अस्थाई संसद,संक्रमणकालीन उपबंध आदि से था) लागू कर दिया गया अर्थात् भारत का संविधान आंशिक रूप से लागू हुआ। 26 नवंबर को विधि दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा वर्ष 2015 में डॉ भीमराव अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारतीय लोगों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए 'संविधान दिवस' के रूप में मनाए जाने की शुरुआत की गई ।
- अनुच्छेद 394 के अंतर्गत यह उपबंध किया गया है कि संविधान के शेष उपबंध 26 जनवरी 1950 को लागू होंगे ।
- महात्मा गांधी, तेज बहादुर सप्रू संविधान सभा के सदस्य नहीं थे, जबकि मोहम्मद अली जिन्ना पंजाब से संविधान सभा के सदस्य थे, हालांकि उनके द्वारा संविधान सभा में भागीदारी नहीं की गई थी।
संविधान का पूर्ण लागू होना- 26 जनवरी 1950
- लाहौर अधिवेशन के ऐतिहासिक महत्व के कारण भारत के संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया ,क्योंकि लाहौर अधिवेशन में भारतीयों ने अपने स्वतंत्रता की तिथि 26 जनवरी निर्धारित की थी । इस दिन भारत को गणराज्य के रूप में घोषित किया गया तथा संविधान सभा को अंतरिम संसद के रूप में परिवर्तित कर दिया गया एवं आधुनिक संसद के गठन से पूर्व समस्त कार्यों का संपादन अंतरिम संसद के द्वारा ही किया गया । इसी अंतरिम संसद के द्वारा प्रथम संविधान संशोधन 1951 किया गया।
- अनुच्छेदों के विस्तारीकरण के लिए अनुसूचियों का प्रयोग किया जाता है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 395 में लिखा है कि एंबॉलिज्म यानी इसके बाद कोई नया अनुच्छेद नहीं बढ़ेगा । जो अनुच्छेद निरस्त किए गए हैं, उन्हें भविष्य में वापस लाया जा सकता है। अतः हमेशा कुल अनुच्छेद 395 ही रहेंगे । मूल संविधान में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां 22 भाग थे। वर्तमान में 395 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां तथा 22 भाग विद्यमान है।
संविधान सभा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य -
- उपाध्यक्ष - एच. सी. मुखर्जी ( प्रस्ताव - पट्टाभि सीतारमैया द्वारा 25/01/1947), वी.टी. कृष्णामाचारी ( देशी रियासतों की ओर से 16/07/1947)
- संविधान सभा के सचिव - H.V.R. आयंगर
- संविधान सभा का प्रतीक - हाथी
- संविधान की मूल भाषा - अंग्रेजी ( बसंत कृष्ण वैद्य ने संविधान को हिंदी में अनुवादित किया)
- संविधान के सुलेखन का कार्य - प्रेम बिहारी नारायण रायजादा
- संविधान पर चित्रकारी का कार्य - नंदलाल बोस
- राजस्थान से चित्रकार - कृपाल सिंह शेखावत ( नंदलाल बोस की टीम के सदस्य थे)
- प्रस्तावना पर चित्रकारी - राम मनोहर सक्सेना
- अनुसूचित जनजाति समुदाय से - जयपाल सिंह
- पारसी समुदाय से - पी. एस. मोदी
- आंग्ल-भारतीय - फ्रेंक एंथोनी
- कुल अधिवेशन - 11 ( संविधान निर्माण में ) + 1 ( 24/01/1950 को) = 12 अधिवेशन
- कुल बैठकें - 165 ( संविधान निर्माण में ) + 1 (24/01/1950 को ) = 166 बैठकें
- संविधान का वाचन / पाठन - 3 बार ( प्रथम वाचन - 4 नवंबर 1948 से 9 नवंबर 1948, द्वितीय वाचन - 15 नवंबर 1948 से 16 नवंबर 1949, तृतीय वाचन - 17 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949)
संविधान सभा में महिलाएं -
1. अम्मू स्वामीनाथन - 9 दिसंबर 1946 - मद्रास (सामान्य)2. दाक्षायणी वेलायुदन ( एकमात्र दलित महिला) - 9 दिसंबर 1946 - मद्रास (सामान्य)
3. जी. दुर्गाबाई - 9 दिसंबर 1946 - मद्रास (सामान्य)
4. हंसा मेहता - 9 दिसंबर 1946 - बम्बई (सामान्य)
5. मालती चौधरी - 9 दिसंबर 1946 - उड़ीसा (सामान्य)
6. सुचेता कृपलानी - 9 दिसंबर 1946 - संयुक्त प्रांत (सामान्य)
7. पूर्णिमा बनर्जी - 9 दिसंबर 1946 - संयुक्त प्रांत (सामान्य)
8. कमला चौधरी - 9 दिसंबर 1946 - संयुक्त प्रांत (सामान्य)
9. सरोजनी नायडू - 9 दिसंबर 1946 - बिहार (सामान्य)
10. लीला रॉय - 9 दिसंबर 1946 - प.बंगाल (सामान्य)
11. विजय लक्ष्मी पंडित - 17 दिसंबर 1946 - संयुक्त प्रांत (सामान्य)
12. राजकुमारी अमृत कौर - 21 दिसंबर 1946 - मध्य प्रांत एवं बरार (सामान्य)
13. रेणुका राॅय - 14 जुलाई 1947 - प.बंगाल (सामान्य)
14. बेगम एजाज रसूल ( एकमात्र मुस्लिम महिला) - 17 जुलाई 1947 - संयुक्त प्रांत (मुस्लिम)
15. ऐनी मस्करीनी ( देशी रियासतों से एकमात्र महिला) - 29 दिसंबर 1948 - त्रावनकोर एवं कोच्चि संघ
राजस्थान से संविधान सभा में सदस्य -
- एकमात्र निर्वाचित सदस्य - अजमेर मेरवाड़ा से मुकुट बिहारी भार्गव
- मनोनीत सदस्य - जयपुर से हीरालाल शास्त्री और वी.टी. कृष्णमाचारी, उदयपुर से बलवंत सिंह मेहता और माणिक्य लाल वर्मा, जोधपुर से जयनारायण व्यास, कोटा से दलेल सिंह, शाहपुरा से गोकुललाल असावा, खेतड़ी से सरदार सिंह, बीकानेर से जसवंत सिंह, अलवर से रामचंद्र उपाध्याय, भरतपुर से राजबहादुर ।
राजस्थान से आमंत्रित सदस्य -
- के.एम. पाणिकर, टी विजयराघवाचारी, सी.एस. वेंकटाचारी, डॉ. नागेंद्र सिंह, गोकुल भाई भट्ट, माधांता सिंह, मोहन सिंह मेहता, एन.वी. खरे ।
संविधान सभा की समितियां -
- राज्य समिति - जवाहरलाल नेहरू
- वार्ता समिति - जवाहरलाल नेहरू
- संघ शक्ति समिति - जवाहरलाल नेहरू
- संघ संविधान समिति - जवाहरलाल नेहरू
- सलाहकार समिति - सरदार पटेल
- अल्पसंख्यक समिति - सरदार पटेल
- मौलिक अधिकार समिति - सरदार पटेल
- प्रांतीय संविधान समिति - सरदार पटेल
- सदन समिति - पट्टाभि सीतारमैया
- परिचय पत्र समिति - अल्लादि कृष्ण स्वामी अय्यर
- कार्य संचालन समिति - के.एम. मुंशी
- संचालन समिति - डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- नियम समिति - डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- झंडा समिति - डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- प्रेस दीर्घा समिति - उषा नाथ सेन
- संविधान के कार्यों के लिए गठित समिति - जी.वी. मावलंकर
- प्रारूप समिति - डॉ. भीमराव अम्बेडकर
- नीति निदेशक तत्व समिति - तेज बहादुर सप्रू
- न्यायालय समिति - सी. एच. वर्दाचारियर
- मौलिक अधिकार उपसमिति - जे.बी. कृपलानी
- अल्पसंख्यक उपसमिति - एच. सी. मुखर्जी
- भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) का निर्माण (Click Here)
- संविधान निर्माण की कार्यवाही के लिए Click करें
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम और अंतरिम सरकार Click Here
- भारतीय संविधान - प्रस्तावना और 1-395 अनुच्छेद ट्रिक्स से Click Here
- भारतीय संविधान की विशेषताएं
- विभिन्न वंश / गौत्र और उनकी कुलदेवियां
- कुलदेवी कौन है और विभिन्न गौत्रों की कुलदेवियां