संविधान सभा का गठन (Formation of Constituent Assembly)
- संविधान (Constitution) - लैटिन भाषा का शब्द - जिसका अर्थ सबसे महत्वपूर्ण विधि ।
- संविधान को विधिक दस्तावेज ,सर्वोच्च विधि ,मौलिक एंव जैविक कानून और जीवंत दस्तावेज की संज्ञा दी गई है ।
- किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित, नियंत्रित और संगठित करने के लिए जो लिखित व अलिखित कानूनों का समूह होता है, उसे संविधान कहते हैं ।
- संविधान के द्वारा ही शासन के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका की स्थापना की जाती है, उनकी शक्तियों का निर्धारण किया जाता है एवं जनता और सरकार के मध्य संबंधों का निर्धारण किया जाता है ।
- संविधान विधिक दस्तावेज होता है, देश का मौलिक एवं सर्वोच्च विधि होता है एवं इसी पर अन्य सभी विधियां निर्भर होती है ।
- किसी भी लोकतांत्रिक देश में संविधान निर्माण का कार्य लोगों के प्रतिनिधि या समूह के द्वारा किया जाता है, जिसे संविधान सभा की संज्ञा दी जाती है।
- संविधान सभा के द्वारा ही संविधान के विविध पक्षों, उद्देश्यों एवं प्रावधानों पर विचार विमर्श किया जाता है तथा संविधान का निर्माण कर उसे स्वीकार किया जाता है ।
- भारत में संविधान निर्माण की मांग यहां के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जुड़ी हुई तथा भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा के द्वारा किया गया है ।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (1787) में विश्व में पहली बार संविधान सभा के माध्यम से संविधान का निर्माण किया ।
- K.M. मुंशी (कन्हैयालाल माणिक्य लाल) ने संविधान को राज्य की आत्मा की संज्ञा (Soul of state) दी है ।डॉ.राजेंद्र प्रसाद के अनुसार संविधान एक मशीन की तरह बेजान चीज है तथा नियंत्रण वो लोग करते हैं, जो शासन का संचालन करते हैं ।
संविधान सभा की मांग -
भारतीय संविधान के निर्माण में भारतीय लोगों का प्रयास-
- 1895 में बाल गंगाधर तिलक ने मुंबई में स्वराज विधेयक पर बोलते हुए संविधान सभा के गठन की मांग की थी ।
- 1918 में मदन मोहन मालवीय द्वारा कहा गया कि भारतीय लोगों को आत्मनिर्णय में स्वतंत्रता प्रदान की जाए ।
- 1922 में महात्मा गांधी ने यंग इंडिया पुस्तक में लिखा कि भारतीय लोगों का राजनीतिक भविष्य स्वयं भारतीय तय करेंगे।
- 1924 में तेज बहादुर सप्रू द्वारा भी अनौपचारिक रूप से संविधान सभा के गठन की मांग की थी ।
- 1928 में बर्केन हेड की चुनौती को स्वीकार कर मोतीलाल नेहरू ने नेहरू कमेटी की अध्यक्षता कर नेहरू रिपोर्ट तैयार की, जिसके द्वारा भारत के संविधान के निर्माण का प्रथम प्रयास किया गया, जिसे मुस्लिम लीग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, इसके विरोध में मोहम्मद अली जिन्ना ने 14 सूत्रीय मांग पत्र दिया था ।
- 1934 में मानवेंद्र नाथ राय ने व्यक्तिगत रूप से संविधान सभा के गठन की मांग की थी।
- भारतीय संविधान के निर्माण में अनौपचारिक रूप से संविधान सभा के गठन की मांग सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक ने की थी और औपचारिक रूप से सबसे पहले मानवेंद्र नाथ राय ने की थी ।
- इसके अलावा राजनीतिक दल के रूप में 1934 में संविधान सभा की मांग सबसे पहले स्वराज पार्टी द्वारा की गई थी । इसकी मांग का समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा 1936 में फैजपुर अधिवेशन में किया गया।
- 1938 में जवाहर लाल नेहरू द्वारा व्यस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा के गठन की मांग की गई। (वयस्क मताधिकार से अभिप्राय बिना किसी भेदभाव के सभी को एक निश्चित आयु में मत देने का अधिकार से है अर्थात एक व्यक्ति एक वोट का सिद्धांत ) (भारत में तारकुंडे समिति की सिफारिश पर 61 में संविधान संशोधन अधिनियम 1989 के माध्यम से मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष कर दिया गया )।
संविधान सभा के गठन में अंग्रेजों की भूमिका -
- अगस्त 1940 में ब्रिटिश शासन के द्वारा संविधान सभा के माध्यम से भारतीयों के संविधान निर्माण को अस्थाई मंजूरी प्रदान की गई ( जवाहर लाल नेहरू ने इस प्रस्ताव के बारे में कहा कि यह दरवाजे में जंग लगी कील के समान है। इस प्रस्ताव को कांग्रेस व मुस्लिम लीग द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद महात्मा गांधी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह की शुरुआत की, प्रथम सत्याग्रही बिनोवा भावे व दूसरे सत्याग्रही जवाहर लाल नेहरू थे ।)
- 1942 के क्रिप्स मिशन में ब्रिटिश शासन के द्वारा भारतीयों के संविधान निर्माण को पूर्ण मंजूरी प्रदान की गई अर्थात ब्रिटिश शासन के द्वारा यह निर्धारित किया गया कि युद्ध के पश्चात भारतीय जनता वयस्क मताधिकार के आधार पर संविधान सभा का गठन करेगी तथा संविधान सभा भारत के संविधान का निर्माण करेगी । विश्व युद्ध के पश्चात भारत को स्वतंत्र उपनिवेशिक राष्ट्र का दर्जा दिया जायेगा। ( महात्मा गांधी द्वारा कहा गया - ये पोस्ट डेटेड चैक है। इसके बाद भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया।)
- ब्रिटेन में क्लीमेंट एटली के नेतृत्व में नयी सरकार बनने के बाद 1946 के कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत भारत में संविधान सभा का गठन किया गया तथा इसी संविधान सभा के द्वारा वर्तमान भारतीय संविधान सभा का निर्माण किया गया।
कैबिनेट मिशन तथा संविधान सभा -
- 24 मार्च 1946 को कैबिनेट मिशन भारत आया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीयों को शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तांतरण करना तथा संविधान सभा का गठन करना था, जिसमें 3 सदस्य थे - लॉर्ड पैथिक लॉरेंस (अध्यक्ष और भारत सचिव), सर स्टेफर्ड क्रिप्स (व्यापार मंत्री), ए.वी. एलेक्जेंडर (नौसेना मंत्री) -ब्रिटिश सरकार मैं कैबिनेट स्तर के मंत्री
कैबिनेट मिशन के द्वारा भारतीय नेताओं से बातचीत कर 16 मई 1946 को संविधान सभा के बारे में निम्न बातों का निर्धारण किया गया -
- 1. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 389 होगी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों से , 93 देसी रियासतों से तथा 4 सदस्य चीफ कमिश्नरी क्षेत्र (दिल्ली, अजमेर-मेरवाड़ा, कुर्ग व बलूचिस्तान) से होंगे।
- 2. कैबिनेट मिशन के अनुसार संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव भारतीय जनता के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय विधान मंडलों के सदस्यों के द्वारा किया जाएगा अर्थात भारतीय जनता संविधान सभा के गठन में प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी नहीं करेगी।
- 3. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव एकल संक्रमणीय मत पद्धति के माध्यम से किया जाएगा ।
- 4. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा का एक सदस्य 10 लाख की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करेगा तथा समस्त जनसंख्या को मुस्लिम, सिख तथा सामान्य में विभक्त किया गया।
- 5. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा में देशी रियासतों का प्रतिनिधित्व 'वार्तालाप समिति' के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा एवं वार्तालाप समिति के द्वारा यह निर्धारित किया गया कि, जिन देशी रियासतों में एक सीट है वहां से प्रतिनिधि को मनोनीत किया जाएगा।
- 6. कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा के द्वारा नए संविधान का निर्माण होने तक सभी राजनीतिक दलों को मिलाकर अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा ।
- जुलाई-अगस्त 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा के 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 तथा अन्य को 15 सीटें प्राप्त हुई (परिणाम-स्वरुप मुस्लिम लीग ने संविधान सभा के बहिष्कार का निर्णय लिया और इसके विरोध में 16 अगस्त 1946 से प्रत्यक्ष/ सीधी कार्यवाही के नाम पर हिंदू मुसलमानों में सांप्रदायिक दंगे शुरू करवायें)।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के द्वारा भारत के संविधान का निर्माण किया गया तथा इस दिन संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान पर प्रारंभिक रूप से हस्ताक्षर किए।
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